पश्चिम बंगाल में कोयला घोटाले की आंच अब व्यापारियों, अफसरों और तृणमूल नेताओं तक पहुंच गई है। CBI और ED ने शुक्रवार को तृणमूल के करीबी बिजनेसमैन के ठिकानों पर छापे मारे। ये छापे साउथ कोलकाता, आसनसोल स्थित घर और दफ्तरों पर मारे गए हैं। एजेंसियों ने 15 जगहों पर छापा मारा है। जांच में सामने आया है कि कोयला तस्करी के दौरान कई अफसरों और नेताओं ने घूस भी ली थी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि जल्द ही इनके यहां भी छापे मारे जा सकते हैं।

इसी केस में पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में कोलकाता के CA गणेश बगारिया के दफ्तर में छापा मारा गया था। ये कार्रवाई CBI की टीम ने की थी।
ममता की बहू और रिश्तेदारों से भी हो चुकी पूछताछ
इस मामले में दो दिन पहले ही CBI ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बहू रुजिरा बनर्जी और रुजिरा की बहन मेनका गंभीर से पूछताछ की है। दोनों से पैसों के लेनदेन और आय के स्रोतों के बारे में जानकारी हासिल की गई है। सूत्रों के मुताबिक, अब CBI इन सभी के बैंक अकाउंट और संपत्तियों की जांच कर रही है। ED को भी जांच में शामिल किया गया है।

हजारों करोड़ का कोयला ब्लैक मार्केट में बेचने का आरोप
कोयला घोटाले में तृणमूल के नेताओं पर आरोप लगे हैं। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम भी शामिल है। आरोप है कि बंगाल में अवैध रूप से कई हजार करोड़ के कोयले का खनन किया गया। इसे एक रैकेट के जरिए ब्लैक मार्केट में बेचा गया।
सितंबर 2019 में शुरू हुई कोयला घोटाले की जांच
पिछले साल सितंबर में कोयला घोटाले की जांच शुरू हुई थी। तभी से भाजपा आरोप लगाती रही है कि तृणमूल नेताओं ने कोयला घोटाले से मिली ब्लैक मनी को शेल कंपनियों के जरिए व्हाइट मनी में बदला। इसमें सबसे ज्यादा फायदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को हुआ है।
अभिषेक तृणमूल की युवा विंग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपनी पार्टी में विनय मिश्रा समेत 15 युवाओं को महासचिव बनाया था। विनय शुरू से ही कोयला घोटाले के आरोपी हैं। तृणमूल ने CBI जांच पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो नामंजूर हो गई थी