शाहजहांपुर (दबंग प्रहरी समाचार )। डॉ. पुनीत कुमार श्रीवास्तव मनीषी विभागाध्यक्ष स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग जी.एफ कॉलेज द्वारा लिखित कॉमर्स की दो पुस्तकों का विमोचन जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव, एस.एस लॉ कॉलेज एवं एस.एस कॉलेज के सचिव तथा कॉमर्स के जनपद में संस्थापकों में से एक डॉ. अवनीश कुमार मिश्र, बाल साहित्यकार तथा जी.एफ कॉलेज के प्रोफेसर अरशद, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिला अध्यक्ष कुलदीप दीपक ने विमोचन किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए डॉ मिश्रा ने कहा की कॉमर्स का क्षितिज इतना विशाल और उपयोगी है कि समाज के प्रत्येक अंग को वह प्रभावित करता है, फिर चाहे वह दैनिक जीवन हो या व्यापारिक जीवन हो या राजनीतिक जीवन हो । डॉ. पुनीत मनीषी ने कॉमर्स की जटिलतम विद्या पर सहज एवं सरल शब्दों में पुस्तक लिखकर बच्चों के प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन किया है और दूसरे लेखकों की अपेक्षा उसका मूल्य कम रख कर उन्हें पढ़ने के लिए सकारात्मक रूप से प्रेरित किया है । डॉ. मिश्रा ने कहा ‘जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठ’ और ‘करत करत अभ्यास के जड़ मत होत सुजान’। इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। उसे अनवरत संघर्ष करना होगा। आपने कहा कि जब व्यक्ति पानी के अंदर होता है तो वह देख सकता है, सुन सकता है, लेकिन उसे सांस लेने में कठिनाई होने के कारण वह पूरी शक्ति के साथ सभी ओर से ध्यान हटाकर संघर्ष करके बाहर निकलता है। इसी प्रकार की छटपटाहट लक्ष्य को प्राप्त करने वाले व्यक्ति के अंदर होनी चाहिए। मुख्य अतिथि ने पहली किताब व्यावसायिक सांख्यिकी के बारे में बोलते हुए कहा कि सांख्यिकी के व्यापक प्रयोग के कारण आधुनिक युग को सांख्यिकी का युग कहा जाता है। जो भी तथ्य हों जैसे प्राकृतिक, आर्थिक या सामाजिक, सभी को सांख्यिकीय भाषा में मापा, प्रस्तुत और व्याख्यातित किया जा सकता है। ज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में सांख्यिकी का प्रयोग अनिवार्य हो गया है। आज अगर आप किसी तथ्य को अंकों से नहीं बता सकते हैं तो उसकी सत्यता पर संदेह रहेगा। यह भी कहा जाता है, “जो कुछ आप कह रहे हैं, यदि उसे संख्या में माप सकते हैं और व्यक्त कर सकते हैं, तब तो आप कुछ जानते है अन्यथा आपका ज्ञान अल्प एवं असंतोषजनक है।“ जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सांख्यिकी का महत्वपूर्ण स्थान है।
सांख्यिकी वह प्रविधि या कार्य पद्धति है जिसको संख्यात्मक तथ्यों के संकलन या संग्रह, प्रस्तुतीकरण तथा विश्लेषण करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। सांख्यिकी द्वारा ऐसे परिणाम प्राप्त होते हैं जिनसे विभिन्न दशाओं के बीच कार्य और कारण के सम्बन्ध का स्पष्ट करके एक सामान्य निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
डॉ मिश्रा ने दूसरी पुस्तक निगमीय लेखाकन पर बोलते हुए कहा कि कॉर्पोरेट लेखांकन प्रक्रिया में पहला कदम वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करना है। लेखांकन प्रणाली स्थापित होने के बाद, प्रक्रिया का अगला भाग लेनदेन को रिकॉर्ड करना शुरू करना है। सभी लेन-देन – बिक्री, व्यय, निवेश, ऋण, आय और खरीदारी को पहले जर्नल प्रविष्टियों के रूप में दर्ज किया जाता है, व्यावसायिक नियमों का अनुपालन करने के लिए, फर्मों को प्रदर्शन बोनस, कर्मचारी-संबंधित कर, ओवरटाइम के लिए भुगतान आदि जैसे विशेष भुगतान शुरू करने की आवश्यकता होती है। ऐसी जिम्मेदारी कॉर्पोरेट अकाउंटिंग के तहत रखी जाती है। लेखांकन पुस्तक यह दर्शाती है कि भुगतानों की गणना अच्छी तरह से की जाती है, प्रबंधित की जाती है और समय पर भुगतान किया जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव ने कहा की डॉ.मनीषी एक बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व के धनी है। वह एक होनहार शिक्षाविद के साथ ही समाजसेवी, राजनीतिज्ञ एवं खिलाड़ी के रूप में समाज-में अपना एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। वे मेरे बच्चे के समान हैं और मैं उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए शुभ आशीर्वाद देता हूं। विशिष्ट अतिथि पद से जीएफ कॉलेज के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरशद खान ने कहा की डॉ.मनीषी से जब से मैं संपर्क में आया हूं, तब से मैं उनकी विनम्रता, सहजता व कर्मठता से अत्यंत प्रभावित हूं। मैं एक लेखक होने के नाते जानता हूं कि लेखन कार्य कितना कठिन होता है ।सामाजिक दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए लेखन करना एक दुरुह कार्य है। कॉलेज की लगभग समस्त गतिविधियों में डॉ.मनीषी जी की सक्रिय भागीदारी होने के बाद भी वह अपने परिवार से समय निकालकर लेखन का कार्य कर रहे हैं। यह एक सराहनीय एवं प्रशंसनीय ही नहीं बल्कि अनुकरण के योग्य है।
स्वामी शुकदेवानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास बिभागाध्यक्ष डॉ विकास खुराना ने कहा की डॉ. मनीषी समाज में एक जुझारू सच्चे समाज सेवक के रूप में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। कोरोना कालखंड में उन्होंने अपने को जोखिम में डालकर जो समाज सेवा की वह सदैव स्मरणीय रहेगी। डॉ मनीषी के पढ़ाये हुए बच्चे उन्हें अपना गुरु ही नहीं मानते बल्कि उन्हें वह अपना मार्गदर्शक मानकर पूजते हैं। वे इतने मनोयोग व समर्पण के साथ पढा़ते हैं कि उनके पढ़ाये बच्चे सदैव अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण होते रहे हैं।
डॉ विकास पांडे कोडिनेटर नेव इंटरमीडिएट कॉलेज ने कहा कि मैं बचपन से ही डॉक्टर मनीषी के संपर्क में हूं। मैंने हमेशा ही अनुभव किया है कि वह लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरे प्राण मन से समर्पित होकर कार्य करते हैं। वह एक व्यक्ति के रूप में दिखाई तो अवश्य देते हैं लेकिन वह अपने कर्म के द्वारा एक संस्था की तरह कार्य करते हैं। अंत में ओंकार मनीषी ने आए हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा संचालन वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप दीपक ने किया।
समारोह के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन किया गया तदुपरांत अतिथियों का माल्यार्पण, बैच तथा शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मो. इरफान, सुयश सिन्हा, सरदार शर्मा, डॉ. अनमोल सक्सेना विभागाध्यक्ष बी.बी.ए. विभाग, डॉ. विनीत सैनी असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल विभाग जी.एफ. कॉलेज, डॉ विजय कुमार गुप्ता विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग आर्य महिला डिग्री कॉलेज, डॉ. योगेश अवस्थी पुस्तकालय अध्यक्ष फ़ॉलोरेग्स नाइटेंगल कॉलेज, नरेंद्र सक्सेना निर्देशक क्रिएटिव आर्ट, राम कुमार डी.डी. सी. अध्यक्ष आर्ट ऑफ लिविंग, रामनिवास गुप्ता, पीयूष मिश्रा, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, आयुष रस्तोगी, पलक, आँचल, साक्षी, सदमान के साथ तमाम छात्र- छात्राएं उपस्थित रही।

