हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में तीन आरोपियों को जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने इस मामले को सांप्रदायिक दंगा मानने से इंकार कर ते हुए कहा कि मृतक शाहिद व तीनों आरोपी एक ही समुदाय से है
दिल्ली |न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने आरोपी जुनैद, चांद मोहम्मद व इरशाद को को जमानत प्रदान करते हुए कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि याचिकाकर्ताओं द्वारा अपने ही समुदाय के व्यक्ति की मौत का कारण बनने के लिए एक सांप्रदायिक दंगा का उपयोग किया जा सकता है । इसके अलावा अभियोजन पक्ष ने स्वीकार किया है कि आरोपियों ने दूसरे समुदाय के लोगो को सप्तऋषि भवन की छत पर चढ़ने से पहले जाने दिया और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए कहा अदालत ने कहा कि यदि आरोपी वास्तव में इस साम्प्रदायिक दंगे में शामिल होते और दूसरे समुदाय के सदस्यों को नुकसान पहुंचाना चाहते होते तो वे उनकी जान बचाने की कोशिश नहीं करते ।अदालत ने कहा मामले में गोली चलाने वाला मुख्य आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया था और न ही किसी प्रकार के हथियार की बरामदगी हुई है। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई भी प्रत्यक्ष आरोप नहीं है। इसके अलावा ऐसा भी कोई साक्ष्य नहीं है कि उनका हत्या का कोई इरादा था।


अदालत ने कहा कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि आरोप अभी तय किए जाने हैं और सुनवाई में पर्याप्त समय लगेगा ऐसे में उनकी राय में याचिकाकर्ता इस मामले में जमानत के हकदार हैं। अदालत ने साथ ही स्पष्ट किया कि इस फैसले से निचली अदालत में सुनवाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए।अभियोजन पक्ष के अनुसार 24 फरवरी को दो समुदायों के बीच हुए दंगो में छतो से पत्थरबाजी हुई थी। पुलिस ने शाहिद की मौत मामले में इन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।