बड़ी ख़बर

पुरानी गाड़ियाँ बेचने का चल रहगा अवैध कारोबार :आरटीओ हुआ उदासीन

आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी, पुरानी गाड़ियों के शहर में 100 से ज्यादा डीलर्स

रायपुर [दबंग प्रहरी]  ।  राजधानी में हर साल 40 हजार से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की खरीदी-बिक्री होती है। इन गाड़ियों का कारोबार करने वाले शहर में 100 से ज्यादा डीलर्स हैं। इन डीलर्स को अब आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। उन्हें पुरानी गाड़ियों का कारोबार करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। केंद्र सरकार के आदेश के बाद शहर के सिर्फ एक डीलर ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बाकी लोग रजिस्ट्रेशन का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी ने नहीं कराया है। अगर लाइसेंस न हो, तो गाड़ियां जब्त हो सकती हैं।

रायपुर में हर साल 4.5 लाख गाड़ियां बिकती हैं
आरटीओ के आकड़ों पर नजर डाले तो हर साल राज्य में 4.50 लाख से ज्यादा गाड़ियां बिकती हैं। पिछले साल राज्य में 4.78 लाख नई गाड़ियां बेची गई। इसमें से रायपुर में 45-50 हजार नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। यानी इतनी ही नई बाइक से लेकर बस और ट्रक की बिक्री हुई है। पिछले तीन माह जनवरी-मार्च तक 9673 नई गाड़ियां शो रूम से बेची गई है। इसमें सबसे ज्यादा बाइक हैं। जबकि राज्य में पिछले साल 1.57 लाख पुरानी गाड़ियां बेची गईं। अकेले रायपुर में ही 43 हजार गाड़ियां बेची गई।

cg

अपराध में नियंत्रण करने के लिए बनाई गई थी गाइडलाइन
अपराधी गिरोह वारदात में पुरानी गाड़ी या उसके नंबर प्लेट का उपयोग कर रहे हैं। इसकी रोकथाम और क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस ने गाइडलाइन बनाई है। पुरानी गाड़ी का कारोबार करने वालों को आरटीओ में पंजीयन कराना जरूरी है। जिनसे गाड़ी खरीद रहे हैं या बेच रहे हैं, उनकी पूरी जानकारी, आधार कार्ड और स्थानीय रिश्तेदार व परिचित की जानकारी जरूरी है। डीलर्स को डायरी रखना जरूरी है। अपने दुकान, शो रूम में सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी है।

रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में पुरानी गाड़ियों का कारोबार
राज्य में रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में पुरानी गाड़ियों का बड़ा कारोबार है। रायपुर में 100 से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के डीलर्स हैं। इतने ही दुर्ग-भिलाई में भी हैं। इससे थोड़े कम बिलासपुर में हैं। पुरानी गाड़ियों में सबसे ज्यादा कार और बाइक का कारोबार है। अब यह कारोबार राजनांदगांव, रायगढ़ और कोरबा में भी बढ़ता जा रहा है।

राज्य में 7 लाख गाड़ियां 15 साल पुरानी
आरटीओ के मुताबिक राज्य में अभी 7 लाख गाड़ियां 15 साल से ज्यादा पुरानी हैं, जो सड़कों पर दौड़ रही हैं। इनका पुन: पंजीयन कराया गया है। जबकि 13.58 लाख गाड़ियां 10-15 साल पुरानी हैं। रायपुर में 15 साल पुरानी 2.61 लाख गाड़ियां दौड़ रही हैं। जबकि 10 से 15 साल पुरानी 4.16 लाख गाड़ियां हैं। धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक व्हीकल का कारोबार बढ़ रहा है। अभी रायपुर में 8 हजार इलेक्ट्रिक व्हीकल चल रही हैं। इसमें 5 हजार ई-रिक्शा है। बाकी बाइक, कार और अन्य गाड़ियां हैं। वहीं पेट्रोल-डीजल गाड़ियों में सबसे ज्यादा बाइक का कारोबार है। दूसरे नंबर पर कार है। अधिकारियों के अनुसार राज्य में गाड़ियों की संख्या बढ़ते जा रही है। हर साल नए और पुराने दोनों तरह की गाड़ियों का कारोबार बढ़ रहा है।