कलेक्टर ने जिला अस्पताल का किया निरिक्षण मिले मनोरोग और चर्मरोग विशेषज्ञ अनुपस्थित ,किया सेवा समाप्त
ओपीडी ड्यूटी छोड़कर जाना पड़ा महंगा
दुर्ग [दबंग प्रहरी] । कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने जिला अस्पताल दुर्ग में कार्यरत मनोरोग और चर्मरोग विशेषज्ञ की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। इन दोनों के खिलाफ काफी लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि वो ओपीडी ड्यूटी बीच में छोड़कर घर चले जाते हैं। शिकायत की सच्चाई जानने के लिए कलेक्टर ने खुद अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। जब उन्होंने पाया कि दोनों डॉक्टर ओपीडी ड्यूटी से नदारद हैं तो उन्होंने उनकी सेवा समाप्त करने का आदेश दिया।

कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने सोमवार को जिला चिकित्सालय दुर्ग का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि आर्थो ओपीडी, सर्जरी ओपीडी, ईएनटी ओपीडी, आई ओपीडी और मेडिसिन ओपीडी में डॉक्टर ड्यूटी पर हैं, लेकिन मानसिक रोग विभाग और स्किन की ओपीडी में विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं। कलेक्टर ने स्टॉफ से डॉक्टर के ओपीडी में आने एवं जाने के संबंध में जानकारी मांगी।

इस पर स्टॉफ ने बताया कि मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आंकाक्षा गुप्तादानी जब से जिला चिकित्सालय दुर्ग में ज्वाइन की हैं उनका यही रवैया है। वे हर दिन सुबह 10 से 10.15 के बीच ओपीडी में आती हैं। इसके बाद दो घंटे रुककर 12 से सवा 12 बजे के बीच चली जाती हैं। इतना ही नहीं वो कभी भी शाम की ओपीडी में नहीं आती हैं। कलेक्टर इनकी सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं।

चर्म रोग विशेषज्ञ का भी यही हाल
कलेक्टर ने जब चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा पाण्डेय के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि वो भी ओपीडी में पौने 10 से 10 बजे के बीच ड्यूटी पर आती हैं और दोपहर 12 बजे ओपीडी से चली जाती हैं। साथ ही शाम की ओपीडी में नहीं आती हैं। इसके बाद कलेक्टर ने सिविल सर्जन को दोनों चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस को कराया अनिवार्य
जिला अस्पताल के डॉक्टरों की ड्यूटी के प्रति लापरवाही को देख कर कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि सभी विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी बायोमेट्रिक मशीन पर अपनी उपस्थित दर्ज जरूर करें। बायोमेट्रिक मशीन के अटेंडेंस रिपोर्ट के आधार पर ही वेतन का भुगतान किया जाएगा। जबकि सच्चाई ये है कि सभी स्टॉफ बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने के बाद ड्यूटी से नदारद हो जाते हैं और फिर से शाम को ड्यूटी ऑफ होने पर अटेंडेंस में थम लगाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर ले रहे हैं।
सिविल सर्जन की मर्जी से हो रहा पूरा खेल
डॉक्टरों और विशेषज्ञ सहित अधिकतर स्टॉफ ड्यूटी से नदारद रहता है। अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह पूरा खेल वहां से सिविल सर्जन की सहमति से हो रहा है। कलेक्टर को डॉक्टरों पर कार्रवाई के साथ-साथ इसके लिए सिविल सर्जन से भी स्पष्टीकरण मांगकर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।