विवाद को पैदा करने वाला और कोई नहीं बल्कि हैं गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई
भिलाई दुर्ग [दबंग प्रहरी]।सर्ववर्ग कल्याणार्थ सुंदरकांड के आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई ने विवादित कर दिया है। उन्होंने सांसद विजय बघेल को 25 हजार लोगों का वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट दिया है, जबकि आयोजन में इससे कम लोग पहुंचे थे। मनीष विश्नोई का यह रिकॉर्ड पहली बार विवादित नहीं हुआ है। इससे पहले भी उन्होंने दुर्ग सांसद सरोज पाण्डेय को गलत वर्ल्ड रिकॉर्ड दिया था।


जिस तरह से दुर्ग के सांसद विजय बघेल ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा 21000 से अधिक लोगों के बैठक की व्यवस्था तैयार की थी ,उनके बैठने के लिए व्यवस्था समिति ने आसन के साथ साथ 1 सुंदरकांड की पुस्तक और एक बोतल पानी की व्यवस्था की
थी ।कार्यक्रम होने तक बहुत सारी जगह खली थी यानी अनुमानित पाठको की संख्या सुंदरकांड पाठ की समाप्ति तक नहीं हो पाई थी जिसका प्रमाण हम यहाँ दे रहे हैं इसमें यह साफ़ साफ़ दिख रहा है की पाठ करने वाले अपनी जगह पर थे ही नहीं।
मनीष विश्नोई है सिर्फ यहाँ ही नहीं बल्कि पहले से ही रहे हैं विवादित
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई पहले से ही विवादित रह चुके हैं जैसा उन्होने कहा की उनकी टीम पाठकों की संख्या पर नज़र रखी हुई थी और इस पर संतोष राय कार्डिनेटर के रूप में मनीष बिश्नोई का साथ दिया।यहाँ जिस तरह से विवादित बात सामने आई है उससे संतोष रॉय पर से लोगों का विश्वास डगमगा गया है जिन्होंने 21000 लोगों से अधिक की उपस्थिति पर वर्ल्ड रिकार्ड का नाम दिया गया है ।जबकि स्वयं संसद विजय बघेल ने कहा की 21000 लोगों के बैठने की व्यवस्था करने की बात की थी जो प[उरी तरह भरी भी नहीं थी ।
दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में तीन साल पहले 29 अक्टूबर 2017 को सुआ नाच का आयोजन किया गया था। इस सुआ नाच को वर्ल्ड रिकॉर्ड घोषित किया गया था। यह गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भी डॉ. मनीष विश्नोई के द्वारा ही दिया गया था। उनके द्वारा मंच से यह कहा गया था कि उन्होंने अभी हेड काउंटिंग नहीं की है, इसलिए रिकॉर्ड घोषित नहीं किया जाएगा। इसके ठीक 5 मिनट बाद डॉ. विश्नोई ने कार्यक्रम में वर्ल्ड रिकॉर्ड घोषित कर दिया। यह गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड राज्य सभा सांसद व बीजेपी नेत्री सरोज पाण्डेय को दिया गया था। बताया जा रहा है कि बाद में यह रिकॉर्ड बाद में वापस हुआ था।