पहला साल पास करने के 4 मौके मिले लेकिन नहीं हुए पास हुए अपात्र
रायपुर। एमबीबीएस फ़र्स्ट ईयर पास करने के लिए अब छात्रों को केवल 4 मौके मिलेंगे। अगर कोई छात्र चार बार में भी पास नहीं हो पाया तो उसे मेडिकल कालेज से बाहर कर दिया जाएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का यह नियम लागू होने के बाद पहली बार प्रदेश में दो छात्रों को कॉलेज से बाहर किया गया है। इनमें से एक छात्र राजनांदगांव सरकारी कॉलेज व दूसरा रिम्स मेडिकल कॉलेज का छात्र है। दोनों छात्रों को पं. दीनदयाल उपाध्याय हेल्थ साइंस एंड आयुष विवि ने परीक्षा के लिए भी अपात्र कर दिया है। यानी दोनों छात्र अब कॉलेज में आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाएंगे। उन्हें आगे की पढ़ाई की अनुमति भी नहीं होगी।

एनएमसी के इस नियम के मुताबिक एमबीबीएस फ़र्स्ट ईयर में केवल 4 मौके छात्रों को मिलेंगे। तबसे अब तक प्रदेश में दो छात्रों के बाहर होने का यह पहला मामला है। दीनदयाल उपाध्याय विवि ने सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों से ऐसे छात्रों की जानकारी भी मांगी है, जो फ़र्स्ट ईयर में लगातार 4 बार फेल हो रहे हैं। इसकी जानकारी आने पर ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विवि के अधिकारियों का कहना है कि एनएमसी ने यह नियम इसलिए लागू किया है, ताकि छात्र मेडिकल की पढ़ाई पर फोकस कर सके। कई छात्र लंबे समय तक लगातार फेल होकर पढ़ाई करते रहते हैं। इससे कॉलेज का रिजल्ट भी डाउन होता है।

कॉलेजों में नतीजों की पड़ताल
अब सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज ऐसे छात्रों को खंगाल रहे हैं, जो लगातार 4 अटेंप्ट या 4 साल में फेल हुए हों। ऐसे छात्रों का परीक्षा फार्म स्वीकार नहीं करने को कहा गया है। यही नहीं, अगर गलती से स्वीकार भी कर लिए गए हों, तो यह फार्म विवि न भेजें। विवि ने कहा है कि अगर छात्र कॉलेजों की गलती से परीक्षा में शामिल होते हैं तो विवि डिग्री प्रदान नहीं करेगा। इसकी जिम्मेदारी कॉलेजों की होगी।
एक छात्र 17 साल में बना डाक्टर, यह घटाकर 10 वर्ष
पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एक एमबीबीएस छात्र के 17 साल में एमबीबीएस पास होने का रिकार्ड है। दरअसल यह छात्र एडमिशन के बाद गांव चला गया था। इसके बाद फिर एडमिशन लेकर पढ़ाई करने लगा। अब ऐसा नहीं हो पाएगा। अब छात्र को एमबीबीएस पास करने के लिए केवल 10 साल मिलेगा। 10 साल में एमबीबीएस की डिग्री मिलेगी। इससे ज्यादा बार फेल हुए तो कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को पढ़ाई पर फोकस करने की जरूरत पड़ेगी। तभी वे एमबीबीएस की परीक्षा पास कर पाएंगे। हिंदी मीडियम वालों को खासकर ज्यादा पढ़ाई करनी होगी।
बाहर किए गए छात्र नहीं कर सकेंगे एमबीबीएस
एनएमसी के नियम के तहत दो छात्रों को काॅलेज से बाहर कर दिया गया है, यानी अब वे एमबीबीएस नहीं कर पाएंगे। सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों से कहा है कि जो छात्र लगातार 4 बाहर में सेमेस्टर या इयर नहीं निकाल सके, उनका परीक्षा फार्म नहीं लें। -डॉ. एके चंद्राकर, कुलपति-हेल्थ साइंस एंड आयुष विवि