प्रत्येक व्यक्ति की हथेली में कई तरह की रेखाएं और आकृतियां बनी होती हैं। हथेली में मौजूद ये रेखाएं खास होती हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, इन्हीं रेखाओं को देखकर किसी भी व्यक्ति के भाग्य, सेहत, विवाह, बच्चे और सुख-सुविधा के बारे में पता लगाया जा सकता है। कहा जाता है कि रेखाएं यदि अशुभ स्थिति हों तो व्यक्ति को जीवन में संघर्ष करना पड़ता है। वहीं यदि किसी व्यक्ति के हाथ की रेखाएं शुभ हों तो वो अपने जीवन में खूब सफलता, मान-सम्मान और अपार धन-दौलत पाता है। यदि मेहनत के साथ ही हाथ की रेखाएं भी अच्छी हों तो व्यक्ति जल्द ही जीवन में तरक्की करता है। आज हम हथेली में मौजूद भाग्य रेखा के बारे में बात करेंगे। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि भाग्य रेखा शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति की किस्मत चमक सकती है। आइए जानते हैं भाग्य रेखा के बारे में…
हथेली पर कहां बनी होती है भाग्य रेखा?
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, जहां से हथेली शुरू होती है वहां से निकलकर कोई रेखा सीधे मध्यमा अंगुली पर जाकर मिलती हो उसे भाग्य रेखा कहते हैं। भाग्य रेखा जहां से आरंभ होती है उसे मणिबंध कहते हैं और मध्यमा अंगुली के नीचे उभार वाले स्थान पर मिलती है उसे शनि पर्वत कहते हैं।
ऐसी भाग्य रेखा होती है शुभ
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक के हाथ में भाग्य रेखा मणिबंध से निकलती हुई शनि पर्वत तक जाती है, तो विवाह के बाद ऐसे लोग बहुत पैसा कमाते हैं। शादी के बाद इन लोगों की किस्मत एकदम से चमक जाती है और जीवन में खूब पैसा कमाते हैं।
यदि कोई रेखा शनि पर्वत पर पहुंचकर बंट जाए और गुरू पर्वत यानी तर्जनी उंगली के नीचे पहुंच जाए तो व्यक्ति बहुत दानी और परोपकारी स्वभाव का होता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, ऐसा व्यक्ति उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। वहीं यदि किसी किसी की हथेली पर जिस स्थान पर भाग्य रेखा कटी होती है जीवन के उस पड़ाव में व्यक्ति को संघर्ष और कष्ट का सामना करना पड़ता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि शुक्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर शनि पर्वत पर पहुंचता है, तो विवाह के बाद व्यक्ति को भाग्य का बदलता है और उसको सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।

