
जय- वीरु की जोड़ी ने खोज निकाला गब्बर रूपी संजय सिंह को
*पुलिस कप्तान ने दी शाबाशी – केजेएस में अपराधियों का दखल*
सतना – कैसा जमाना आया जब कोई गांधीवादी तरीके से श्रमिकों और गरीबों की आवाज उठाऐगा तो उसे रास्ते से हटा दिया जाएगा । मनीष शुक्ला हत्याकांड के बाद अन्य श्रमिक नेता व श्रमिक संगठन सकते हैं । उनमें भय है कि श्रमिक हितों की बात करने पर उनका हश्र भी मनीष शुक्ला जैसा हो सकता है । आश्चर्य इस बात का है कि बात बात पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले नेता भी इस जघन्य हत्याकांड पर चुप हैं हकीकत यह है कि केजेएस सीमेंट में अराजकता आम बात है विंन्ध्य में सिर्फ यही फैक्ट्री है । जो मीडिया की सुर्खियों में रहती है । सूत्रों का कहना है कि खनिज अधिकारी के संरक्षण में यह प्रबंधन अवैध उत्खनन कर शासन को राजस्व का चूना लगा है कि यह नियम है कि हर 6 माह में सिक्योरिटी गार्डो का पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए लेकिन यहां इसका पालन नहीं होता । वहीं सूत्रों ने बताया कि फैक्ट्री के एचआर और हत्या के मास्टरमाइंड संजय सिंह उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं ऐसे में उन्होंने सतना शहर से लगे जिगनाहट से गुंडे हायर किए यह भी अजीब बात है । यह काम प्रकरण में शामिल स्थानीय लोगों के माध्यम से करवाया गया ।
*कप्तान ने उतारी सर्वश्रेष्ठ टीम*
घटना के बाद बड़े बवाल के हालात बने बन गए थे । लेकिन पुलिस कप्तान आशुतोष गुप्ता ने तुरंत उपकप्तान एस के जैन को मैहर भेजकर उन्हें वहीं रोक दिया और मैहर टीआई संतोष तिवारी के साथ जिले के सबसे सफल टी आई डी पी सिंह चौहान , टीआई राजेंद्र पाठक , एसआई संदीप चतुर्वेदी , संदीप भारती , राजश्री रोहित, साइबर सेल प्रभारी अजीत सिंह जैसे काबिल पुलिस अधिकारियों को मोर्चा पर लगा दिया ।
*हिट साबित हुई जोड़ी*
शोले फिल्म में जय वीरु की जोड़ी ने प्रताड़ित जनता को गब्बर से मुक्ति दिलाई थी । आज फिल्मी स्टाइल में ही एचआर संजय सिंह व उनके गुर्गों का खुलासा पुलिस ने कर दिया । जानकारों का कहना है संतोष तिवारी व डीपी सिंह चौहान से अपराधी बच नहीं सकते । उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ये दोनों अधिकारी पुलिसिया रौब से परे मृदुभाषीता पर विश्वास करते हैं और यही कारण है कि मुखबिर तंत्र इन पर आंख मूंदकर भरोसा करता है शारदा नगरी में अपराधियों का खौफ था लेकिन वहां के जंगलराज में आज पुलिस का खौफ दिखाई देता है इस कारण टीआई संतोष तिवारी की दबाब रहित पारदर्शी कार्यप्रणाली है । दोनों टीआई ने अनुभवी उपकप्तान की देखरेख में अपने कप्तान के मार्गदर्शन में गरीबों के लड़ने वाले एक गरीब ब्राह्मण के हत्यारों को जिस तरह सलाखों के पीछे पहुंचाएं हैं वह काबिले तारीफ है प्रकरण में लगी समुचित टीम को बधाई ।
