*उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पुरातत्व की खोज में बौद्ध और हिंदू धर्म से जुड़े एक हजार से दो हजार साल तक प्राचीन मंदिर, गुफा और मूर्तियों के अवशेष मिले हैं
। वराह की एक खंडित प्रतिमा भी मिली है जो शायद दुनिया की सबसे बड़ी वराह प्रतिमा है।*
भारतीय पुरातत्व संस्थान (एएसआई) को यहां के लगभग 170 वर्ग किमी के इलाके को खंगालने पर एक हजार साल से लेकर दो हजार साल पुराने तक हिंदू व बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेष मिले हैं। उनमें सबसे खास दूसरी से पांचवीं सदी की लगभग 26 गुफाएं हैं, खोज में 26 मंदिर व उनके अवशेष और दो शैव मठ भी मिले हैं, जो कालचुरी काल (नौवी से11वीं सदी) के हैं। वहीं 46 मूर्तियां भी मिली हैं। इनमें सबसे आकर्षक मूर्तियां विष्णु के दशावतार से जुड़ी हैं। इनमें विष्णु के वराह, कूर्म व मत्स्य अवतार की मूर्तियां व एक जलाशय के पास शयन करते विष्णु की बेहद विशाल मूर्ति प्रमुख हैं। एक मंदिर में राम दरबार भी मिला है। वहीं संत कबीर से जुड़े मंदिरों के अवशेष भी मिले हैं। वराह की एक विशालकाय खंडित प्रतिमा भी मिली है, जो शायद दुनिया की सबसे बड़ी वराह प्रतिमा हो सकती है।

