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वादे से मुकरे नेता तो बच्चों की शिक्षा हेतु किसान ने बना डाला बॉस का पुल।

वादे से मुकरे नेता तो बच्चों की शिक्षा हेतु किसान ने बना डाला बॉस का पुल।

 

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सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर व किसान देवीदीन कुशवाहा की पहल रंग लायी।

सटई, छतरपुर// जहां चाह वहां राह की तर्ज पर सामाजिक कार्यकर्ता व आप नेता अमित भटनागर की पहल पर सटई थाना के अंतर्गत आने वाले गांव गुड़पारा के किसान देवीदीन कुशवाहा ने अपने गांव वालों के सहयोग से 10 दिन के रातदिन के परिश्रम से अपने गांव में बाँस का पुल बना डाला, जिससे गांव के बच्चों का स्कूल जाना तो सम्भव हुआ ही साथ ही गांव के सैकड़ों किसानों का अपने खेत जाना सुलभ हो गया।
राजनगर तहसील में सांदनी ग्राम पंचायत में गुड़पारा गांव में माध्यमिक शाला तो है पर 9 वी 10 वी के छात्रों को 3 किलोमीटर का रास्ता तय कर पास के पारवा गांव जाना पड़ता है, ये रास्ता हर साल वारिश के कारण 4 से 6 माह, पानी मे डूब जाता है, जिससे स्कूल जाने का ये रास्ता बंद हो जाता है, ऐसा नहीं है कि छात्रों के स्कूल जाने का कोई दूसरा रास्ता नही है, रास्ता तो है पर गुड़पारा से 15 किलोमीटर का सफर तय कर रोज स्कूल जाना सभी छात्रों के लिए सम्भव नहीं है, इसलिए ज्यादातर छात्र विद्यालय नही जाते या सप्ताह में एक या दो बार ही विद्यालय जा पाते है, साथ ही दो सैकड़ा से ज्यादा किसानों का अपने खेत जाने के लिए नाले को तैरकर पर करना आदि कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गुड़पारावासी दिदौनीय बांध बनने के बाद से लगभग 15 वर्षों से इस समस्या का हर वर्ष सामना करते है, इन 15 वर्षों में कई बार नेताओं और अधिकारियों को अपनी व्यथा सुनाई, चूंकि ये गांव बिजावर विधानसभा में आता है इसलिए हर वार विधायक पुल बनाने का वादा तो करते है, वर्तमान विधायक राजेश बब्लू शुक्ला ने भी ग्रमीणों से विधायक बनने के बाद सबसे पहले पुल बनाने का वादा किया था। जब नेता अपने वादे से मुकर गए और शासन-प्रशासन ने ग्रमीणों की कोई सुध नहीं ली तो ग्रामीणों ने अब पुल बनने का सपना देखना ही छोड़ दिया।
16 अगस्त आमआदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जन्मदिन “सेवा संकल्प” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया जिसके तहत आप नेता अमित भटनागर के नेतृत्व में वृक्षारोपण व गरीब बच्चों को पुस्तक वितरण का कार्यक्रम रखा गया था बिजावर विधानसभा किसान सह प्रभारी होने के नाते गुड़पारा के देवीदीन कुशवाहा भी उक्त कार्यक्रम में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता व आप नेता अमित भटनागर पर्यावरण संरक्षण, जैविक खाद व्यसन मुक्ति, महिला सशक्तिकरण, आदिवासियों के जागरण आदि हेतु सतत रचनात्मक कार्यक्रम चलाते रहते हैं जब देवीदीन कुशवाहा ने उक्त कार्यक्रम में अमित भटनागर को किसानों को और विशेष तौर से बच्चों की शिक्षा में हो रही परेशानी के बारे में बताया तो वहां पर अस्थाई फुल की रणनीति तय हुई। पुल बनाने की बात अब देवीदीन कुशवाहा के लिए जिद बन गयी थी, उन्होंने दूसरे दिन सुबह का इंतजार करने की वजह शाम से ही अपने खेत मे लगे बाँस को काटना प्रारंभ कर दिया व उसी दिन से पुल के निर्माण में लग गए पहले तो लोगों ने उनको गंभीरता से नहीं लिया पर जब देवीदीन लगातार पुल बनाने में लगे रहे तो भगत राम तिवारी, मोती लाल पटेल, कमलेश पटेल, धर्मदास पटेल, काशी पटेल, जगना अहिरवार, तिजवा अहिरवार, नंदू पटेल आदि आप कार्यकर्ता व गांव के कई लोग भी उनके सहयोग में लग गए तो 10 दिन के अथक प्रयास के बाद बांस का पुल बनके तैयार हो गया। पुल बनने से बच्चों के लिए रोज स्कूल जाना सुलभ हो पा रहा है तो साथ में ही सैकड़ों किसानों को भी अपनी खेत तक जाने का सहज रास्ता उपलब्ध हो गया है। पुल बन जाने से छात्रों को स्कूल जाने की खुशी है तो उनके अभिभावक और किसान भी खुश है साथ ही ग्रमीणों द्वारा अपनी वर्षों की समस्या का समाधान स्वयं कर लेने से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। आप नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर का कहना है कि उनका प्रयास यही है कि गांव के लोग सरकार या नेताओं के मुंह ताकने के बजाय अपने संसाधनों व श्रम से अपनी समस्याओं का समाधान करें यही तो गांधी का ग्रामस्वराज्य का सपना है। आप नेता अमित भटनागर व देवीदीन कुशवाहा की पहल पर ग्रमीणों ने अपनी समस्या का अस्थाई हल तो निकाल लिया है, जिसकी चर्चा आस-पास के गांवों में भी होने लगी है पर अभी भी ग्रम्मीणों को अपनी समस्या के स्थायी हल की आस है।