33 साल के बेटे की बैडमिन्टन पार्टनर बनी 64 वर्षीय माँ : वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में दिखी अनोखी जोड़ी
जीत के बाद बोलीं स्वेतलाना- बेटे के साथ ओलिंपिक खेलने का सपना है
स्वेतलाना कहती हैं, अगले साल कोपेनहेगन में होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर अपना ये रिकॉर्ड वे और बेहतर करेंगी। इसके बाद उनका सपना बेटे के साथ ओलिंपिक खेलने का भी है। वे अपने बेटे की कोच भी हैं। जब उनके बेटे को कोई पार्टनर नहीं मिला तो वे खुद बैडमिंटन कोर्ट में उतर गईं।


बेटे के साथ रोज 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं स्वेतलाना
इसके बाद 25 साल की उम्र में सोवियत यूनियन की तरफ से उन्हें इसलिए नहीं खेलने दिया गया था कि उनकी उम्र ज्यादा थी। उसके बाद वे अपने पति और कोच के साथ इजरायल चली आईं। अब करीब 4 दशक बाद वे दुनिया की सबसे बड़ी बैडमिंटन प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा उम्र की खिलाड़ी बन गई हैं। वे अपने बेटे के साथ रोज 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं।
30 साल की उम्र में रिटायरमेंट का सोच रहा था: मीसा


स्वेतलाना कहती हैं, हम चीन और दक्षिण कोरिया जैसी टीमों को हराने के लिए खेल रहे हैं। एक दिन हम कुछ बड़ा करेंगे। दुनिया के 47वें नंबर के खिलाड़ी मीसा कहते हैं, मैं 30 साल की उम्र में रिटायरमेंट के बारे में सोच रहा था, लेकिन मेरी मां मेरी प्रेरणा हैं। वे अब भी खेल रही हैं। शायद मैं भी कभी रिटायर नहीं होऊंगा।
वे कहते हैं, कोर्ट पर उनका संबंध दूसरे मिक्स्ड डबल्स खिलाड़ियों जैसा ही है। वे अपना खेल बेहतर करने और जीतने पर बात करते हैं। वे कहते हैं, हम परिणाम पर नहीं खेल पर ध्यान दे रहे हैं। जब हम दोनों मिक्स डबल्स के पहले मैच में जीते तो ये शानदार अनुभव था।
इजरायल में बैडमिंटन खेलना मुश्किल, देश में एक ट्रेनिंग सेंटर तक नहीं
इजरायल में ज्यादा बैडमिंटन खिलाड़ी नहीं हैं। इजरायल बैडमिंटन एसोसिएशन है, लेकिन उसके पास ट्रेनिंग सेंटर तक नहीं है। खिलाड़ी अलग-अलग प्रैक्टिस करते हैं और महीने में एक दिन इकट्ठे होते हैं। जहां सभी एक-दूसरे के साथ 3-4 घंटे तक ट्रेनिंग करते हैं।
पहले भी धमाल मचा चुकी है यह जोड़ी

पहले 2009 में भी हैदराबाद में हुए बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में मां-बेटे की जोड़ी ने धमाल मचाया था। तब स्वेतलाना की उम्र 51 और मीसा की 20 साल थी। बेलारूस में जन्मी स्वेतलाना ने 1986 की यूरोपियन चैंपियनशिप में वुमन सिंगल्स में कांस्य पदक जीता था।