*जिला पंचायत के अधिकारियों के दलाली के बीच अटका गौवंश का दाना, चारा*


अपको लगातार जिला पंचायत के कारनामो से हमारे द्वारा अवगत करवाया जा रहा है, इनका एक और कारनामा उजागर हुआ है, अभी हाल में ही मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक-962 दिनांक 13/04/2022 के अनुसार 15 रुपए प्रति गौवंश के मान से चारा भूसा हेतु मुख्यमंत्री गौसेवा योजना के अंतर्गत संचालित 43 गौशालाओं के टोटल 8772 गौवंश के भरण पोषण हेतु जिला पंचायत के एकल खाते में 3998220 रुपये इस मद में दिए गए है, लेकिन आज दिनांक तक मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल के जारी स्वीकृति आदेश के बाद भी भुगतान न किया जाना बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
पशु पालन विभाग एवं जिला पंचायत के कमीशन के चलते जिला पंचायत मनरेगा योजना से 7 महीने से भुगतान नही किया गया है, इससे यह बात आ रही है कि या तो वास्तविक रूप में गौवंश ही नही है, केवल दस्तावेज में अंकित किए गए है, या फिर है भी तो 100-50 ही होंगे, जिससे कमीशन सेट न होने से भुगतान लंबित है। आज लगभग आदेश किए हुए 3 माह से ऊपर हो गए है, भुगतान न होने के गौशाला तो प्रभावित हो रही है, साथ ही गौवंश भी बेमौत मारे जा रहे है सतना जिले में नागोद,मझगवां, ऊँचेहरा,मैहर, अमरपाटन, रामनगर, रामपुर बघेलान सहित सोहावल में 43 गौशालाएं है, पूर्व रिकार्ड के अनुसार यदि सर्वे किया जाए, ये आधिकारिक सदृढ़ जांच की जाए तो आज दिनांक में 50% गौवंश देखने को नही मिलेंगे, और तो और कई गौशालाएं ऐसी है, जो बंद हो चुकी है। यदि सही रूपो में देखा जाए तो इस मद की राशि का भुगतान न किया जाना भी लालच और लापरवाही की ओर इशारा कर रही है। कार्य के प्रति सजग एवम उम्दा माने जाने वाले सीईओ डॉ. परीक्षित राव झाड़े जिन्होंने 23/06/2022 को अपने पत्र क्रमांक जि.पं./मनरेगा/गौशाला/2022-23/1757 में आदेश के बाद स्वयं सुध लेना भूल गए, क्या है होगा इसका परिणाम यह है कि कितने पशुधन भूख और प्यास से बिलखते हुए काल की गाल गाल में समा चुके है। क्या जिला पंचायत सीईओ मामले को लेंगे संज्ञान में या कमीशन खोर के भेंट चढ़ जाएगी गौवंश।