राष्ट्रपति का बॉडीगार्ड बनने के लिए सिर्फ इन तीन जातियों के लोग कर सकते हैं अप्लाई,
नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर भारतीय सेना के अधिकारी ने सफाई दी है। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाते हुए दावा किया था कि भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। सेना में भर्ती के लिए जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने के मामले पर मचे बवाल के बीच, सैन्य अधिकारियों ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का खास बदलाव नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जाति/धर्म इत्यादि जैसे सर्टिफिकेट भर्ती के दौरान सेना में हमेशा से मांगे जाते हैं।


संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर”।” ये पहली बार नहीं है जब सेना में भर्ती के लिए जाति के मामले पर बवाल मचा है।