महिला ASI ने इस रिश्वत में पांच लाख रूपए डीएसपी और 2 लाख रूपये एसएचओ का बताया हिस्सेदार ,रिकार्डिंग में हुई पुष्टि
करनाल। हरियाणा के करनाल जिले के सेक्टर 32-33 थाने में तैनात महिला एएसआई को थाने में ही चार लाख रुपये रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी एएसआई ने विवाहिता द्वारा अपने ही ससुरालजनों पर दर्ज कराए मामले में दुष्कर्म के प्रयास को लेकर लगाई गई धाराएं हटाने की एवज में यह रकम ली थी।


आरोपी एएसआई के खिलाफ विजिलेंस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं इस कार्रवाई से थाने में हड़कंप मच गया। स्टेट विजिलेंस इंस्पेक्टर सचिन ने बताया कि तरावड़ी क्षेत्र की एक महिला ने सेक्टर 32-33 थाने में शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाते हुए बताया था कि उसकी शादी आठ नवंबर 2020 को जुंडला चौकी क्षेत्र के रहने वाले एक युवक के साथ पूरे रिति रिवाज के साथ तरावड़ी स्थित एक पैलेस में हुई थी।शादी के बाद पहली रात से ही पति ने उसे दहेज की मांग को लेकर परेशान करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। इसी सिलसिले के चलते उसके ससुर व जेठ ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद 11 मई को मामला दर्ज कर लिया था।
विजिलेंस थाने में दी शिकायत में लड़के पक्ष के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाते हुए बताया था कि विवाहिता ने यह मामला झूठा दर्ज कराया हुआ है और वे जांच अधिकारी एएसआई सरीता व डीएसपी से भी मिल चुके हैं. लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं था। एएसआई सरीता ने उन्हें 10 लाख रुपये देने की मांग की और कहा कि दुष्कर्म के प्रयास जैसी धाराएं तभी हट सकती है। बाद में आठ लाख रुपये में सौदा तय हुआ और कहा कि चार लाख रुपये पहले देने होंगे तो बाकी बाद में।
आरोपी एएसआई ने उन्हें थाने में ही यह रकम देने को कहा. जैसे ही उन्हें यह रकम दी तो तभी टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उनकी मेडिकल जांच भी कराई गई. इंस्पेक्टर सचिन ने बताया कि पीडित पक्ष ने उन्हें रिकार्डिंग सौंपी है, जिसमें आरोपी एएसआई सरीता को जब कहा कि इतनी रकम वे नहीं दे सकते तो उन्होंने जवाब दिया कि इसमें पांच लाख रुपये डीएसपी तो दो लाख रुपये एसएचओ के है. उन्हें तो एक लाख रुपये ही मिलेंगे।
हालांकि इस रिकार्डिंग की अभी जांच कराई जाएगी तो वहीं यह भी जांच की जाएगी कि एसएचओ व डीएसपी तक रिश्वत की राशि पहुंचाई जानी थी या नहीं। किसी अन्य मामले में तो इस तरह से रकम नहीं पहुंचाई जाती. ऐसे तथ्य मिले तो अवश्य ही आगे कार्रवाई बढ़ाई जाएगी।