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कांस्टेबल बनाने के लिए युवक से लिए 8 लाख लेकर फर्जी नियुक्ती पत्र देने वाला BJP पार्षद गिरफ्तार

जिसने रुपए दिए पुलिस ने उसे भी आरोपी बनाया

बिलासपुर |बिलासपुर पुलिस ने 8 लाख रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देने के मामले में भाजपा पार्षद रेणुका नगपुरे, नगर निगम कर्मचारी और पुलिस के ही एक कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के शिकार हुए पीड़ित युवक को भी आरोपी बना दिया है। युवक ने पुलिस विभाग में नौकरी पाने के लिए आठ लाख रुपए दिए थे। रुपए के एवज में नगर निगम कर्मी, BJP पार्षद और आरक्षक ने मिलकर उसे फर्जी नियुक्ति आदेश दिया था। जब युवक आदेश लेकर SP ऑफिस पहुंचा, तब फर्जी नियुक्ति का खुलासा हुआ। अब पुलिस ने रुपए देने वाले पीड़ित के साथ ही नगर निगम कर्मी, पार्षद और आरक्षक को गिरफ्तार किया है।

जानकारी के अनुसार कोटा के करगीरोड निवासी पीयूष प्रजापति (28 साल) पिता भोलाराम पोस्टग्रेजुएट है और गांव में खेती किसानी करता है। साल भर पहले उसकी पहचान यदुनंदन नगर निवासी भोजराज नायडू (58 साल) से हुई। तब उसने अपनी बेरोजगारी और नौकरी के लिए बात की थी। भोजराज, नगर निगम में कार्यरत है। उसने तोरवा, हेमुनगर निवासी भाजपा पार्षद रेणुका प्रसाद नगपुरे से जान पहचान होने और उसकी नौकरी लगाने का दावा किया। इसके बाद उसे पार्षद से मिलाया। रेणुका ने उसे बताया कि पुलिस विभाग में उसकी नौकरी लग जाएगी। इसके एवज में उसे रुपए खर्च करना पड़ेगा। वह सरकारी नौकरी पाने की लालच में आकर रुपए देने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद भोजराम और रेणुका नगपुरे ने उसे आरक्षक पंकज शुक्ला से मिलाया और आठ लाख रुपए में सौदा तय किया।

नगर निगम कर्मी भी बना आरोपी।
नगर निगम कर्मी भी बना आरोपी।
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नियुक्ति आदेश लेकर पहुंचा, तब फर्जीवाड़े का खुला राज
पीयूष प्रजापति ने जनवरी 2020 में नौकरी पाने के लिए रुपए दिए थे। इसके बाद से वह निगम कर्मी, पार्षद और आरक्षक का चक्कर काट रहा था। इस दौरान उसे भरोसा दिलाया जाता रहा कि उसकी नौकरी लग जाएगी और शीघ्र ही उसे नियुक्ति आदेश भी मिल जाएगा। दो दिन पहले पीयूष प्रजापति को नियुक्ति आदेश दिया गया, जिसमें SP के हस्ताक्षर थे। नियुक्ति आदेश लेकर वह स्थापना शाखा में पहुंचा, वहां पता चला कि वह आदेश फर्जी है।

नौकरी के लालच में गवाएं आठ लाख रुपए और अब बन गया आरोपी।
नौकरी के लालच में गवाएं आठ लाख रुपए और अब बन गया आरोपी।

पुलिस का दावा, फर्जीवाड़ा में शामिल है पीड़ित
सिविल लाइन TI परिवेश तिवारी ने बताया कि SP ऑफिस के स्थापना शाखा प्रभारी ने शिकायत की है कि फर्जी नियुक्ति आदेश लेकर पीयूष प्रजापति नाम का युवक आया था। विभाग ने नियुक्ति का इस तरह से न तो विज्ञापन जारी किया है और न ही कोई भर्ती हो रही है। ऐसे में प्रथम दृष्टया नियुक्ति आदेश फर्जी है। उनकी शिकायत पर जब उसको पकड़ कर पूछताछ की गई और मामले की जांच की गई, तब पता चला कि फर्जी नियुक्ति के इस मामले में वह भी शामिल है। इसलिए उसे आरोपी बनाया गया है।

पुलिस विभाग के इस आरक्षक ने बनाया था फर्जी नियुक्ति आदेश।
पुलिस विभाग के इस आरक्षक ने बनाया था फर्जी नियुक्ति आदेश।

आरक्षक के साथ मिलकर BJP पार्षद व निगम कर्मी ने किया षडयंत्र
पुलिस का कहना है कि फर्जी नियुक्ति आदेश लेकर SP ऑफिस पहुंचे पीयुष को यह पता था कि विभाग में कोई भर्ती नहीं निकली ही नहीं है। इसके बाद भी वह रुपए देकर फर्जी नियुक्ति आदेश बनवाकर जॉइन करने पहुंच गया। उसे पकड़कर जब पूछताछ की गई, तब पता चला कि नगर निगम कर्मी भोजराज नायडू, भाजपा पार्षद रेणुका नगपुरे और आरक्षक पंकज शुक्ला के साथ मिलकर उसने फर्जी नियुक्ति आदेश हासिल किया है।

आरक्षक व पार्षद से मिले 8 लाख रुपए और लैपटॉप
इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने आरोपी पार्षद रेणुका नगपुरे से चार लाख रुपए बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला से चार लाख रुपए व लैपटॉप जब्त किया गया है।