सर गंगागराम अस्पताल के डाक्टरों ने कर दिखाया यह करिश्मा
नई दिल्ली। दिल्ली के सर गंगागराम अस्पताल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो किसी करिश्मे से कम नहीं है। अस्पताल में एक ऐसे बच्चे की सर्जरी हुई, जो करीब 10 साल से भी ज्यादा समय से ट्रेक्योस्टोमी ट्यूब के जरिए सांस ले रहा था। बचपन में सिर में चोट लगने की वजह से श्रीकांत लंबे समय से वेंटिलेटर पर था, जिसके चलते वह ना तो बोल पाता था ना ही कोई प्रतिक्रिया दे पाता था। चोट की वजह से श्रीकांत की सांस लेने वाली नली भी काम नहीं कर रही थी, जिसके चलते ट्रेक्योस्टोमी ट्यूब के जरिए सांस लेने की व्यवस्था की गई।


विंडपाइप के एक हिस्से के नहीं होने के चलते श्रीकांत को सांस लेने में काफी समस्या हो रही थी। सांस लेने के लिए कोई एयरवे ना होने के चलते उसकी आवाज भ नहीं निकल रही थी लेकिन, 10 सालों बाद सर गंगाराम अस्पताल में इस बच्चे की सफल सर्जरी की गई है। डॉक्टर्स ने एयरवे और वॉयस रेस्टोरेशन की सर्जरी के जरिए श्रीकांत को उसकी सांस और आवाज दोनो लौटा दिए हैं। बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है।
एक्सपर्ट बोले- 15 सालों में नहीं देखा ऐसा मामला
बच्चे के सफल ऑपरेशन के बाद ईएनटी विभाग के विरष्ठ सलाहकार ने कहा कि मैंने अपने 15 सालों के कार्यकाल में इस तरह का मामला नहीं देखा। उन्होंने कहा कि जब मैंने पहली बार रोगी को देखा था तो मुझे लगा कि यह बेहद जटिल सर्जरी होने जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे के ऑपरेशन के लिए अस्पताल की तरफ से थोरैसिक सर्जरी, ईएनटी, पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर और एनेस्थीसिया विभागों के डॉक्टर का एक विशेष पैनल बनाया गया।
सर्जरी से पहले माता पिता की ली गई थी इजाजत
बच्चे के ऑपरेशन को लेकर सर गंगाराम हॉस्पिटल के ईएनटी के डॉ. मनीष मुंजाल ने कहा कि बच्चे का एयरवे और विंड पाइप पूरी तरह से ब्लॉक था, इस वजह से सर्जरी करना बेहद मुश्किल था, लेकिन हमारे पास सर्जरी के अलावा और कोई विकल्प मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि बच्चे के माता पिता को ये जानकारी दे दी गई थी कि ऑपरेशन में काफी रिस्क है और उनकी अनुमति मिलने के बाद ही सर्जरी शुरू की गई. बच्चे का ऑपरेश छह घंटे तक चला।