रीवा के क्रिकेटर बेटे की कहानी:आखिरी ओवर में सधी गेंदबाजी कर राजस्थान रॉयल्स को जिताया, पिता चलाते हैं सैलून
IPL के रविवार को खेले गए दूसरे मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 3 रन से हरा दिया। अपना पहला मुकाबला खेल रहे कुलदीप सेन राजस्थान रॉयल्स की जीत के हीरो रहे। लखनऊ को मैच जीतने के लिए आखिरी ओवर में 15 रन चाहिए थे। कुलदीप सेन ने सधी गेंदबाजी करते हुए टीम को 3 रन से मैच जिता दिया।

कुलदीप के पिता रामपाल सेन का रीवा में सिरमौर चौराहे पर फाइन हेयर कटिंग सैलून है। 13 फरवरी को बेंगलुरु में हुई IPL 2022 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने कुलदीप को 20 लाख के बेस प्राइस में खरीदा था। दैनिक भास्कर ने कुलदीप के पिता रामपाल और उनके कोच एरिल एंथोनी से बातचीत की।
कमाल का ओवर डाला कुलदीप ने

आखिरी ओवर में लखनऊ को जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी। राजस्थान रॉयल्स ने डेब्यू स्टार कुलदीप सेन को मैच बचाने की बड़ी जिम्मेदारी दी। ओवर की पहली गेंद पर आवेश खान ने सिंगल लेकर मार्कस स्टॉयनिस को स्ट्राइक पर ला दिया, जिन्होंने 19वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा को दो छक्के और एक चौका जड़ा था। दूसरी, तीसरी और चौथी गेंद पर रन नहीं बना। स्टॉयनिस ने 5वीं गेंद पर चौका और आखिरी गेंद पर छक्का जरूर जड़ा, लेकिन वह टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सके।
पापा, आप टेंशन न लो
कुलदीप के पिता बताते हैं- मैं तो शुरुआत में समझता रहा कि बेटा पढ़ने जाता है, लेकिन जब उसका चयन जिला टीम में हुआ तो पत्नी ने मुझसे 500 रुपए मांगे और कहा कि बेटे को सिंगरौली जाना है। तब पता चला कि वह क्रिकेट खेलता है। जब मैंने बेटे को डांटा तो उसने कहा कि पापा करियर की चिंता मुझे भी है, आप टेंशन न लो। यह सुनकर मैंने फिर कभी उसे क्रिकेट खेलने से नहीं रोका।
बैटिंग की कोचिंग लेने आया था, बन गया फास्ट बॉलर
कुलदीप के कोच एरिल एंथोनी ने बताया- कुलदीप 2008 में पहली बार मेरे पास बैटिंग की कोचिंग लेने आया था। उसकी कद-काठी देखकर मैंने उसे फास्ट बॉलर बनने की सलाह दी। वह दाएं हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करने लगा। धीरे-धीरे 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करने में माहिर हो गया। अब हम कुलदीप को रेवांचल एक्सप्रेस के नाम से देश के लिए खेलते देखना चाहते हैं।
कोच ने नहीं ली फीस
कोच ने बताया कि कुलदीप सेन गरीब घर का बच्चा है। खेल के प्रति उसकी लगन और मेहनत को देखते हुए मैंने तय किया