ठाणे में तीन डॉक्टरों व एक नर्स पर दर्ज हुआ केस
ठाणे के जुपिटर अस्पताल के तीन डॉक्टरों और एक नर्स के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान एक मरीज के पेट में सर्जिकल मॉप (पोछा) छोड़ दिया था। पुलिस ने कहा कि ठाणे जिले के एक सिविल सर्जन द्वारा इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

मामले में जानकारी देते हुए ठाणे पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला स्वयं सतारा में एक डॉक्टर है। महिला ने शिकायत में बताया है कि उन्हें मई 2020 में सिजेरियन सेक्शन के बाद काफी तेज दर्द महसूस हुआ था। इस संबंध में उन्होंने सर्जन डॉ. आशुतोष अजगांवकर से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इसी बीच पीड़िता ने एक सीटी स्कैन और अन्य परीक्षण करवाए तो पता चला कि उनके पेट में एक सर्जिकल पोछा और धातु की पट्टी है।

शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि इस भारी चूक के चलते उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़े, जिसमें उसकी आंत और एक अंडाशय को भी नुकसान पहुंचा। फिर पिछले साल अगस्त में सतारा में उनकी सर्जरी भी हुई थी। अब इस मामले में सर्जन डॉ. आशुतोष अजगांवकर, सहायक सर्जन डॉ सुप्रिया महाजन, एनेस्थेटिस्ट डॉ चिन्मयी गडकरी और एक नर्स आरोपों का सामना कर रहे हैं। नियमानुसार, पुलिस में उसकी शिकायत की जांच एक विशेष चिकित्सा समिति द्वारा की गई थी।
पुलिस के मुताबिक अब इस मामले में आईपीसी की धारा 308 और 34 के तहत तीन डॉक्टरों व एक नर्स पर केस दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और मामले में जांच जारी है। वहीं मामले में जुपिटर अस्पताल द्वारा जारी एक बयान में संबंधित सर्जन ने कहा है कि उस समय मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया था, क्योंकि बच्चे की हृदय गति तेजी से कम हो रही थी।
सर्जन ने बताया था कि मां और बच्चे की जान बचाने के लिए एक आपातकालीन सीज़ेरियन सर्जरी की गई थी। बच्चे के जन्म के बाद से मरीज को काफी ब्लीडिंग हुई थी। इसलिए रक्तस्राव को नियंत्रित करने और हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय को हटाने) को रोकने के लिए आपातकालीन उपाय किए गए थे। सही समय पर तत्काल पूरी कि गई प्रक्रिया के चलते बच्चे और मां दोनों की जान बच गई थी।