लक्ष्मी नारायण मंदिर में 5 साल से प्रथा जारी: पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व
जगदलपुर। महाशिवरात्रि के मौके पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व हाेने के साथ ही विशेष फलदायक माना जाता है। इसकी पूजा-अर्चना करने से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी महत्व को लेकर शहर के लक्ष्मीनारायण मंदिर में एक विशेष तरह की पूजा की जाती है।



पिछले 5 सालों से की जा रही है। इसके लिए हर साल की तरह इस साल भी इस मंदिर में आसना के जंगल से लाई गई दीमक बांबी से मिट्टी से 52 शिवलिंग बनाए जाएंगे। जिसकी तैयारी मंदिर के पुजारी और उनके परिवार के लोगों ने शुरू कर दी है।
बांबियों को मानते हैं भगवान शिव का घर
धुरवा समाज के गंगाराम नाग ने कहा कि इन बांबियों को भगवान शिव का घर माना जाता है। ग्रामीण इन बांबियों की सुरक्षा कर नाग देवता को बचाते है। देवगुड़ा में जहां भी डेंगुर निकलता है उसे बेहद पवित्र मानते हैं।