बड़ी ख़बर

भिखारी भी हो गए हाईटेक : भीख मांगने लिया बार कोड का सहारा

चिल्लर का नहीं चलेगा बहाना! : बार कोड दिखाकर करता है लेन-देन

छिंदवाड़ा।  डिजिटल तकनीक के दौर में अब भिखारी भी हाईटेक हो गए हैं और डिजिटल तरीके से भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं। सुनने में थोड़ा आश्चर्य लगे, लेकिन छिंदवाड़ा में एक शख्स डिजिटल तकनीक से भीख मांग कर अपना गुजारा कर रहा है।

दरअसल छिंदवाड़ा शहर की गलियों में हेमंत सूर्यवंशी नाम का शख्स अपने हाथ में डिजिटल लेनदेन का वार कोड लेकर लोगों से भीख मांग कर अपना गुजारा कर रहा है। आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि जैसे ही वह किसी व्यक्ति के पास पैसे मांगने पहुंचता है और सामने वाला व्यक्ति यदि चिल्लर ना होने का बहाना बनाने लगता है तो तत्काल यह अपना डिजिटल बार कोड दिखाकर उनसे पैसे ट्रांसफर करा लेता है।

cg

हेमंत का भीख मांगने का अंदाज भी निराला है। वह कहता है- कि बाबूजी चिल्लर नहीं है तो फोन पे या गुगल पे से भीख दे दो। भिखारी का कहना है कि लोग डिजिटल तकनीक के चलते भीख भी आसानी से बारकोड स्कैन कर दे देते हैं। उसे अक्सर 5 रुपए से ज्यादा ही पैसे मिलते हैं, ऐसे में वह लगातार अपना अकाउंट भी मेंटेन कर रहा है।

नगर पालिका में करता था ड्यूटी नौकरी जाने से बन बैठा भिखारी

दरअसल हेमंत सूर्यवंशी मूल रूप से पहले नगर पालिका परिषद में कार्यरत था लेकिन किसी कारणवश उसे नौकरी से हटा दिया गया। नौकरी जाने के गम में वहां लगातार इधर उधर भटकते रहा बाद में वहां अब भीख मांग कर अपना गुजारा कर रहा है। हाथ में मोबाइल फोन और वारकोड लेकर इधर उधर भटक रहा हेमंत भले ही भीख मांग कर अपना गुजारा कर रहा है लेकिन वह डिजिटल तकनीक कभी खूब प्रचार कर रहा है।