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राजस्थान के गोल्ड कारोबारी की 13 साल की बेटी शिवांगी बनेंगी साध्वी

राजसमंद। अमूमन जिस उम्र में बच्चे आठवीं कक्षा में पढ़ रहे होते है, उस उम्र में शिवांगी गन्ना दीक्षा लेकर साध्वी बनने जा रही हैं। 13 साल की शिवांगी 17 फरवरी को ब्यावर में दीक्षा लेंगी।  मुमुक्षु शिवांगी के परिवार में अभी तक 10 लोग जैन धर्म की दीक्षा ले चुके हैं। शिवंगी  का जन्म 25 फरवरी 2009 में हुआ था। 14वें जन्मदिन से 8 दिन पहले वह दीक्षा लेंगी। शिवांगी की बचपन से ही धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में रुचि थी। जैन साधु-संतों की धर्मसभाओं में जाकर उनके प्रवचन को ध्यान से सुना करती थी। 2019 में दीक्षा लेने का निर्णय लिया था, अब वह समय आ गया है. इसमें परिवार वाले भी साथ है। पिता अंकित गन्ना ब्यावर के लोढ़ा बाजार में सोने-चांदी की दलाली का कार्य करते है। माता का नाम दक्षा गन्ना है, जो गृहणी है। भीम में रहने वाली शिवांगी की विदाई की तैयारी में घरवाले जुटे हुए है।

दीक्षा ले रही शिवांगी ने चौथी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वह चौथी क्लास तक ब्यावर के सेंट पॉल स्कूल से पढ़ाई की थी। इसके बाद पढ़ाई छोड़ जैन संत साध्वीयों के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण करने लगी। सांसारिक जीवन से मोह भंग के बाद शिवांगी ने माता-पिता के सामने दीक्षा लेने की इच्छा जाहीर की।

इतनी छोटी उम्र में दीक्षा क्यों?

दीक्षा ले रहीं शिवांगी ने बताया कि कई लोग कहते हैं कि तुम इतनी छोटी उम्र में दीक्षा क्यों ले रही हो?थोड़ी बड़ी होकर दीक्षा लेना, तो मेरा उन्हें कहना है कि में छोटी हूं, परंतु आप तो बड़े हो गए हो. आप क्यों अभी भी संसार में बैठे हो।मृत्यु का कनेक्शन जैसे उम्र से नहीं है, वैसे ही दीक्षा का कनेक्शन उम्र से नहीं है। शिवांगी ने बताया कि कई लोग पूछते है धर्म ही करना है तो घर बैठकर ही कर लेना, घर छोड़ने की क्या जरूरत है। ऐसा पूछने वालों को वे कहती है कि देश की बॉर्डर पर हर टाइम अर्लट पोजिशन में रहने वाले सोलजर से एक बार पूछ कर आओं कि देश की सुरक्षा ही करनी है तो घर बैठे ही कर लेते, घर छोड़ने की क्या जरूरत है। अगर सोल्जर को यह प्रश्न पूछा जाए तो रिप्लाई मिलेगा, रहना घर पर और सिक्युरीटि बॉर्डर की करनी यह हाउ इस पोसीबल। बस धर्म ही करना, यह प्रश्न पूछने वाले को मेरा ऐसा ही उत्तर है कि रहना घर पर और टोटली अहिंसा धर्म फॉलो करना हाउ इस पॉसिबल। इन शोर्ट संपुर्ण धर्म को फॉलो करने के लिए घर छोड़कर दीक्षा लेने के अलावा इधर बेटर और लास्ट ऑप्शन नहीं है।