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216 फीट ऊंचा बनेगा 3 मंजिला जैन मंदिर,दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी जिनालय

सागर में राजस्थान-गुजरात के साढ़े 10 लाख घन फीट पत्थर लगेंगे

सागर।  सागर में दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी जिनालय (जैन मंदिर) बनाया जा रहा है। ये तीन मंजिला होगा। खुरई रोड स्थित भाग्योदय तीर्थ में बन रहे इस मंदिर के निर्माण में गुजरात के भुज का पीला पत्थर और राजस्थान के बयाना का लाल पत्थर इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर में साढ़े 10 लाख घन फीट पत्थर लगाया जाएगा। पत्थरों को लगाने के साथ ही कारीगरी की जा रही है। मंदिर में प्रत्येक खंड में 108 मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। मंदिर की ऊंचाई 216 फीट रहेगी। मंदिर के चारों द्वार एक समान बनाए जाएंगे। मंदिर के चारों तरफ 94 फीट चौड़ी 19 सीढ़ियां बनेंगी। मंदिर की नींव को करीब 500 साल पुरानी चूना पद्धति का उपयोग कर बनाया गया है। निर्माण कार्य साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ऐसा दिखेगा मंदिर।
                                            निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ऐसा दिखेगा मंदिर।

मंदिर के हर खंड पर होंगे 168 पिलर
सर्वतोभद्र जिनालय के ट्रस्टी मुकेश जैन ढाना ने बताया कि बड़े मंदिर का आकलन हाइट, एरिया और पत्थर का उपयोग देखकर किया जाता है। सागर के भाग्योदय तीर्थ में बन रहे चतुर्मुखी जिनालय के निर्माण में साढ़े 10 लाख घन फीट पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी और सबसे ज्यादा पत्थर उपयोग होने वाला जैन मंदिर होगा। मंदिर निर्माण में लाइन कांक्रीट टेक्निक का उपयोग कर रहे हैं। मंदिर में 3 खंड होंगे। जिनमें प्रत्येक खंड पर 168 पिलर बनाए जाएंगे। हर पिलर पर अलग-अलग नक्काशी नजर आएगी।

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मंदिर के पिलरों पर की जा रही नक्काशी।
                                        मंदिर के पिलरों पर की जा रही नक्काशी।

मंदिर में स्थापित होंगी 324 मूर्तियां
ट्रस्टी मुकेश जैन ने बताया कि मंदिर के तीनों खंड में 324 मूर्तियां स्थापित की जाएगी। इसमें प्रत्येक खंड पर 108 मूर्तियां विराजेंगी। मूर्तियों की ऊंचाई 27, 36, 45, 54 और 63 इंच तक रहेगी। इसके अलावा 45 फीट का गर्भ गृह बनाया जाएगा। 8 मंडप और सीढिय़ों का निर्माण होगा। मंदिर निर्माण का कार्य गुजरात और राजस्थान से आए 250 से अधिक कारीगर कर रहे हैं।
पत्थरों पर उकेरेंगे जैन धर्म का इतिहास
मंदिर के चारों तरफ की बाउंड्री पर 240 पत्थर लगाए जाएंगे। इन पत्थरों पर जैन धर्म का इतिहास उकेरा जाएगा। साथ ही जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों का परिचय और आचार्य श्री के संबंध में जानकारी दर्शाई जाएगी। इसका काम शुरू कर दिया गया है।

मंदिर की इस बाउंड्री पर उकेरा जाएगा जैन धर्म का इतिहास।
                           मंदिर की इस बाउंड्री पर उकेरा जाएगा जैन धर्म का इतिहास।