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ब्रेकिंग न्यूज़ : यह बात तो सच है जी आर चंद्राकर घोटालेबाज ही नहीं बलात्कारी भी है

राकेश तम्बोली दबंग प्रहरी एम.डी. की विशेष रिपोर्ट –

भगवान के  घर देर है पर अंधेर नहीं है यह बात भगवान के ऊपर विश्वास करने वालो को ही मिलती है ,दूसरों को नहीं| हम यहाँ जिस जी आर चंद्राकर की बात कर रहे है वो कोई और नहीं बल्कि आज से 4 वर्ष पूर्व अपने द्वारा बलात्कार किये हुए लड़की के rep का खुलाशा करने वाले दबंग पत्रकार राकेश तम्बोली और उसके साथी पत्रकार को झूठे मामले में  फंसा दिया था और खुद खुले सांड  की तरह घूम रहा था | कहते है की जब गंदे घटिया लोगों को उसकी करनी गंदे कर्म ,दुर्गति  की ओर  स्वयं ले जाते  है ,ले ही गए | इनकी साथी कोई और नहीं बल्कि उसकी पत्नि कांति चंद्राकर और जे.आर. दानी स्कुल रायपुर के पूर्व प्राचार्य विजय खण्डेलवाल शामिल है 

झूठी निकली घपले की डायरी:रिटायरमेंट के बाद संविदा पोस्टिंग चाहता था शिक्षा अधिकारी, नहीं मिली तो मंत्री-अफसरों के नाम लिखी फर्जी कहानी

 

रायपुर। जीआर चंद्राकर (गेंदराम चंद्राकर) ये कुछ महीने पहले रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी थे। शहर के हर स्कूल में इनका खूब रौब हुआ करता था। शनिवार को मीडिया से नजर बचाते सिर झुकाए पुलिस कंट्रोल रूम में इन्हें लाया गया। पिछले कुछ दिनों से शिक्षा विभाग की घोटाले वाली डायरी का जिक्र प्रदेश में छाया हुआ था उसके रचयिता यही हैं। पूरा मामला फर्जी और मनगढंत निकला, पुलिस ने जीआर चंद्राकर को इसके साथी होम्योपैथी कॉलेज के सचिव संजय कुमार ठाकुर और टायपिस्ट कपिल कुमार देवदास को पकड़ा है।

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रायपुर पुलिस के SSP प्रशांत अग्रवाल ने इन गिरफ्तारियों की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चंद्राकर को रिटायरमेंट के बाद संविदा पर पोस्टिंग चाहिए थी। ये पोस्ट नहीं मिली तो इसने जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन.बंजारा, संयुक्त संचालक के.सी.काबरा, तत्कालीन ओ.एस.डी. आर.एन. सिंह, ए.बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा और मंत्री के निज सचिव अजय सोनी के खिलाफ एक घोटाले की कहानी रच दी, एक डायरी में मंत्री प्रेम साय टेकाम का नाम लिखकर हजारों कर्मचारियों से पोस्टिंग, ट्रांसफर के नाम पर रुपए लेने की बात लिखी। कुल 366 करोड़ के लेन-देन का जिक्र किया। एक शिकायत पत्र तैयार करके इसमें लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के नाम का इस्तेमाल किया। ये शिकायती पत्र कई अफसरों, मीडिया हाउस और नेताओं को डाक के जरिए भेज दिए।

2500 रुपए में रची साजिश
पुलिस के मुताबिक जीआर चंद्राकर ने घपले की शिकायत का फर्जी लेटर असली लगे इसके लिए अपने साथी कपिल कुमार की मदद ली। कपिल को अफसर आशुतोष चावरे के नाम से शिकायत टाईप करने और उप संचालक लोक शिक्षण के नाम से सील (रबर) तैयार करने के लिए 2500 रुपए दिए। इसी के आधार पर फर्जी शिकायती पत्र तैयार करके वायरल किया गया।

चंद्राकर ने अपने साथी संजय सिंह के साथ मिलकर कई लोगांे का नाम लिखकर लेन-देन की बात एक डायरी में लिखी, बाद में इस डायरी को जलाकर नष्ट कर दिया। कुछ दस्तावेज संजय के पास ही थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। चूंकि खुद चंद्राकर शिक्षा विभाग में अफसर था, उनसे ट्रांसफर, पोस्टिंग में उन्हीं कर्मचारियों और अफसरों के नाम का इस्तेमाल किया जिनका असल में ट्रांसफर या पोस्टिंग की गई है, ताकि मामला असल लगे।

ऐसे आए पकड़ में
प्लान के मुताबिक सब ठीक चल रहा था। पिछले कुछ दिनों में डाक के जरिए अपनी बनाई डायरी की डिटेल और फर्जी शिकायती पत्र मीडिया और नेताओं को भेजने में तीनों कामयाब रहे। मकर जब उप संचालक लोक शिक्षण आशुतोष चावरे ने थाने में जाकर ये शिकायत कर दी कि उनके नाम से जो शिकायती खत इधर-इधर भेजे जा रहे हैं उसमें उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, तो मामला खुला। पुलिस ने डाक में आई चिटि्ठयों को भेजने वालों का पता लगाया, CCTV कैमरों की जांच से पुलिस के हाथ कपिल तक पहुंचे और कपिल ने सारा राज उगलकर चंद्राकर और संजय सिंह को भी पकड़वा दिया।

भगवान के  घर देर है पर अंधेर नहीं है यझ बात भगवान के ऊपर विश्वास करने वालो को ही मिलती है ,दूसरों को नहीं| हम यहाँ जिस जी आर चंद्राकर की बात कर रहे है वो कोई और नहीं बल्कि आज से 4 वर्ष पूर्व अपने द्वारा बलात्कार किये हुए लड़की के rep का खुलाशा करने वाले दबंग पत्रकार राकेश तम्बोली और उसके साथी पत्रकार को फंसा दिया था और खुद खुले सांड  की तरह घूम रहा था | कहते है की जब गंदे घटिया लोगों को उसकी करनी गंदे नाली,दुर्गति  की ओर  स्वयं ले जाती है  

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